राष्ट्रीय ध्वज कोड बिल 2002
भारत देश में प्रत्येक स्कूल, कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. इस दिन पूरे शासकीय सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है. भारत सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय ध्वज के सन्दर्भ में भारतीय झंडा संहिता 2002 जारी किया है जिसमे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में विस्तार से बताया है.
https://www.mha.gov.in/sites/default/files/FlagAdvisory_13012022H.pdf
सरकार ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय ध्वज ‘‘जहाँ ध्वज खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।’’
पहले घरों पर झंडा फहराना मना था किन्तु लोगों की भावनाओं की ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की. साथ ही साथ भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में संशोधन किया है ताकि रात में भी राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जा सके।
भारतीय ध्वज संहिता, 2002:
https://indiaingreece.gov.in/docs/1669013941Flag%20code%20of%20India%20(Hindi)%20pdf.pdf
भारतीय झंडा संहिता में सरकार ने भारत के ध्वज संहिता तीन भागों में विभक्त किया ताकि इस आसानी से समझा जा सके.
- भारतीय झंडा संहिता के पहले भाग में झंडे का सामान्य विवरण दिया हुआ है।
- दूसरे भाग में आम जनता, निजी संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों और संगठनों को झंडा फहराने के नियम दिये हुए है और,
- तीसरे भाग में सरकार या सरकारी एजेंसियों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम को विस्तार से बताए गए है।
इस आदेश में ध्वज के सम्मान और उसकी गरिमा को बनाए रखते हुए तिरंगे के आम व्यक्ति के उपयोग की अनुमति प्रदान की है. इसका मतलब यह नहीं की पुराने कानून ख़त्म कर दिए है, वे यथावत हैं सिर्फ उपयोग के कुछ संसोधन किये हैं जिन्हें जानना हर छात्र और निवासी के लिए जरुरी है.
महत्वपूण प्रोटोकॉल हैं जिन्हें पालन करना होगा
- इसमें उल्लेख है कि तिरंगे का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिये नहीं किया जा सकता है।
- इसके अलावा ध्वज का उपयोग उत्सव के रूप में या किसी भी प्रकार की सजावट के प्रयोजनों के लिये नहीं किया जाना चाहिये।
- आधिकारिक प्रदर्शन के लिये केवल भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुरूप चिह्न वाले झंडे का उपयोग किया जा सकता है।
हर घर तिरंगा अभियान:
‘हर घर तिरंगा’ भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में हर भारतीय को अपने घर पर तिरंगा झंडा फहराने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘आज़ादी के अमृत’ महोत्सव के तत्वावधान में चलाया जा रहा एक अभियान है। झंडे के साथ हमारा संबंध सदैव व्यक्तिगत की बजाए औपचारिक और संस्थागत रूप में अधिक रहा है।
आज़ादी के 75वें वर्ष के दौरान एक राष्ट्र के रूप में झंडे को सामूहिक रूप से घर पर लाना न केवल तिरंगे के साथ हमारे व्यक्तिगत संबंध का प्रतीक है बल्कि यह राष्ट्र निर्माण में हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह पहल लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जागृत करने और भारत के राष्ट्रीय झंडे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई है।
https://amritmahotsav.nic.in/har-ghar-tiranga-hi.htm
महत्वपूर्ण बदलाब
भारतीय ध्वज संहिता, 2002 (Flag Code 2022) को 20 जुलाई 2022 द्वारा पारित आदेश के द्वारा संशोधन के बारे में बताया गया है कि अब भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (II) को इस तरह पढ़ा जाएगा : जहां ध्वज खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।
इससे पहले राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की सूर्योदय से सूर्यास्त तक थी अनुमति
- इस संशोधन के पहले तक राष्ट्रीय ध्वज को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी।
- राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा।
- यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/रेशमी खादी से बना होगा। इससे पहले मशीन से बने और पॉलिएस्टर सेबने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी।
राष्ट्रीय ध्वज का प्रोटोकॉल या सामान्य विवरण
- राष्ट्रीय ध्वज का अनुपात हमेशा 3:2 होगा। इसका मतलब है कि राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई 3 फुट है तो चौड़ाई 2 फुट होनी चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज की सबसे ऊपरी पट्टी हमेशा केसरिया रंग की, मध्य भाग की पट्टी सफ़ेद रंग की, और सबसे निचली पट्टी हमेशा हरा की होगी और बीच की सफ़ेद पट्टी के अंदर एक नीले रंग का 24 तीलियों का का चक्र होगा।
- राष्ट्रीय ध्वज ऊनी सूती, खादी या सिल्क का बना होना चाहिए और उस कपड़े की गुणवत्ता ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के द्वारा निर्धारित मानकों पर खड़ा उतरना चाहिए (खासकर के तब जब उसे सरकारी तौर पर फहराया जाना हो)
आम जनता, निजी संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम
- राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग : किसी भी प्रकार की पोशाक या वर्दी के किसी भाग में इसका प्रयोग नहीं किया और न ही इसे तकियों, रुमालों, नैपकिनों अथवा ड्रेस सामग्री पर कढ़ाई या मुद्रित किया जाएगा।
- ध्वज पर कभी भी किसी भी प्रकार के शब्द अक्षर नहीं लिखे जाएँगे।
- ध्वज को किसी वस्तु के लेने, देने, पकड़ने अथवा ले जाने के आधार के रूप में प्रयोग नहीं किया जाएगा। हाँ, लेकिन स्वतंत्रता दिवस जैसे अवसर पर झंडे में गुलाब की पंखुड़ियाँ रखने में कोई आपत्ति नहीं होगी।
- ध्वज का प्रयोग किसी प्रतिमा अथवा स्मारक को ढंकने के लिए नहीं किया जाएगा।
- ध्वज का प्रयोग किसी भी मंच, टेबल को ढकने के लिए नहीं किया जायेगा.
- ध्वज को जानबूझकर जमीन अथवा फर्श को छूने या पानी में डूबने नहीं दिया जाएगा।
- ध्वज वाहन, रेलगाड़ी, नाव या वायुयान के ऊपर, बगल अथवा पीछे से ढकने के काम में नहीं लाया जाएगा।
राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियम
आम जनता, गैर-सरकारी संगठन के सदस्य या विद्यालय के सदस्य किन्ही अवसरों, समारोहों आदि पर झंडे को प्रदर्शित कर सकते हैं किन्तु उन्हें राष्ट्रीय ध्वज के प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ेगा :
- राष्ट्रीय ध्वज को जब फहराया जाए तो राष्ट्रीय ध्वज की स्थिति सम्मानपूर्ण और विशिष्ट होनी चाहिए।
- ध्वज कभी भी क्षतिग्रस्त अथवा अस्त-व्यस्त अवस्था में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- एक ध्वज दंड में केवल एक ही राष्ट्रीय ध्वज फहराया जयेगा.
- ध्वज से ऊँचा कोई भी अन्य ध्वज नहीं होना चाहिए न ही राष्ट्रीय ध्वज के बराबर कोई ध्वज होना चाहिए.
- ध्वज का इस्तेमाल कभी भी सजावट के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
प्रोटोकॉल का पालन करें और करवाएं
आइये हम सभी नागरिक राष्ट्रीय ध्वज के नियम, प्रोटोकॉल का पालन करें. देश के प्रय्तेक स्कूल, कार्यालय में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. हर वर्ष देश में कुछेक जगहों में राष्ट्रीय ध्वज के जाने अनजाने में अपमान की खबरे आती है.
हम सभी का कर्तव्य है की हम अपने आस पास के क्षेत्र में National Flag को उचित सम्मान का ख्याल रखे और अगर कोई गलती होने की संभावना होती है तो उस संस्था प्रमुख या फिर इस क्षेत्र के पुलिस थाने, स्कूल, कालेज या किसी भी बड़े सरकारी कार्यालय में संस्था प्रमुख को सूचित कर सकते हैं.
अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर जाकर कॉड बिल पढ़े
https://www.mha.gov.in/sites/default/files/FlagAdvisory_13012022H.pdf
https://indiaingreece.gov.in/docs/1669013941Flag%20code%20of%20India%20(Hindi)%20pdf.pdf
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